संसद में पहले भाषण में अल्टीमेटम देने के बाद मुइज्जु ने भारत के खिलाफ किया ये ऐलान

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मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने सोमवार को संसद में दिए अपने पहले राष्ट्रपति संबोधन में भारत पर प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तरीके से जमकर हमला बोला. अपने भाषण के दौरान उन्होंने घोषणा की है कि मालदीव अपने विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र (EEZ) की 24 घंटे निगरानी खुद से शुरू करेगा. द्वीप देश से भारतीयों सैनिकों की वापसी की तारीख का जिक्र करते हुए मुइज्जू ने कहा कि उनकी सरकार देश की थल सेना, नौसेना और वायु सेना बलों को मजबूत करेगी और इसके लिए सरकार ने काम शुरू कर दिया है.

मालदीव के राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में कहा कि मालदीव नेशनल डिफेंस फोर्स (MNDF) को एक आधुनिक सेना में बदल देंगे जो वैश्विक शिपिंग लेन में फैले मालदीव के समुद्री क्षेत्र में गश्त करने में सक्षम होगी.

मुइज्जू ने कहा, ‘मेरा मानना ​​है कि मालदीव में सड़क, समुद्र और हवाई मार्ग से देश की रक्षा करने की आधुनिक सैन्य क्षमता को मजबूत किया जाना चाहिए. हमने अब ऐसा करना शुरू कर दिया है.’

उन्होंने कहा कि MNDF जल्द ही देश के 9,00,000 वर्ग किलोमीटर के विशेष आर्थिक क्षेत्र की चौबीसों घंटे निगरानी करने में सक्षम होगा.

मालदीव ने भारत पर लगाया है ये आरोप

मालदीव ने पिछले हफ्ते ही भारत पर आरोप लगाया था कि भारत के तटरक्षक बल EEZ के उत्तर में घुस गए थे और उन्होंने मालदीव के तीन मछली पकड़ने वाले जहाजों को डराया-धमकाया. मालदीव ने आरोप लगाया है कि भारतीय तटरक्षक बलों ने जहाजों को रोक दिया.

इस आरोप के बाद ही मुइज्जू ने अपने संबोधन में सैनिकों की मजबूती और विशेष आर्थिक जोन की 24 घंटे निगरानी की बात कही है.

मुइज्जू ने सत्ता में आते ही भारत के साथ साल 2019 में किया हाइड्रोग्राफिक समझौता भी रद्द कर दिया था. इस समझौते के तहत भारत को मालदीव के 1,192 प्रवास द्वीपों का संयुक्त रूप से हाइड्रोग्राफिक सर्वेक्षण की अनुमति मिली थी. अपने संबोधन में मुइज्जू ने इसका भी जिक्र किया और कहा कि उन्होंने भारत के साथ इस समझौते को आगे विस्तार नहीं दिया.

बिना भारत का नाम लिए मुइज्जू ने आगे कहा, ‘मैं नही चाहता कि किसी अन्य देश को मालदीव के महासागरों और समुद्र तटों को मापने और मानचित्र बनाने की शक्ति मिले.’

भारतीय सैनिकों की वापसी पर भी बोले मुइज्जू

चीन समर्थक मुइज्जू ने अपने संबोधन में बिना भारत का नाम लिए कहा कि उनकी सरकार देश की संप्रभुता से कोई समझौता नहीं करेगी. उन्होंने कहा कि किसी भी परिस्थिति में उनकी सरकार ‘बाहरी दबाव’ के आगे नहीं झुकेगी.

मुइज्जू ने कहा कि भारतीय सैनिक जल्द ही भारत वापस जा रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘एक राष्ट्रपति देशों के साथ जो राजनयिक वार्ता कर सकता है, वो मैंने जारी रखा है. हमने भारत से आधिकारिक रूप से आग्रह किया है कि वो मालदीव में मौजूद अपने सैनिकों को जल्द वापस बुला ले. सैनिकों की वापसी को लेकर हाल ही में बातचीत हुई है जिसमें तय हुआ है कि तीन हवाई प्लेटफॉर्म पर मौजूद भारतीय सैनिक 10 मार्च 2024 तक मालदीव से वापस चले जाएंगे. बाकी बचे सैनिक 10 मई 2024 तक वापस जाएंगे.’

मालदीव सरकार का कहना है कि फिलहाल उनके देश में 88 भारतीय सैनिक मौजूद हैं. ये सैनिक भारत ने मालदीव की आपात मदद के लिए भेजे थे. भारत ने डार्नियर 228 मेरिटाइम पेट्रोल एयरक्राफ्ट और दो HAL ध्रुप हेलिकॉप्टर भेजे थे जिसके संचालन के लिए भारतीय सैनिक मालदीव गए थे.

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